आयुर्वेद

आयुर्वेद आयुः तथा वेद इन दो शब्दों के मिलने से बना है I आयुर्वेद शब्द का अर्थ है जीवन - विज्ञान। आयुर्वेद का उल्लेख वेदों में विस्तृत रूप से वर्णित है। आयुर्वेद का वर्णन विभिन्न वैदिक मंत्रों में भी मिलता है , जिनमें संसार तथा जीवन, रोगों तथा औषधियों का वर्णन किया गया है। आज विश्‍व का ध्यान आयुर्वेदीय चिकित्सा प्रणाली की ओर आकर्षित हो रहा है, जिसके तहत उन्होनें भारत की अनेक जडीबूटियों का उपयोग अपनी चिकित्सा में करना शुरू कर दिया है।

आयुर्वेद चिकित्सा में गाय का महत्व

आयुर्वेद चिकित्सा में गाय का महत्व

सदियो से गौ का महत्व रहा हे। ये सिर्फ न धर्म से जुड़ा हुआ हे पर उसका वैज्ञानिक महत्व भी हे। प्राचीन काल में गौ जिसके पास हो उसको ही संपत्तिवान माना जाता था।
यह मान्यता ऐसी ही नहीं थी। आज के विज्ञानं को इस से जोड़े तो सायद हमारे पूर्वजो की दूरद्रष्टि को हम थोडा समज पाये।
गाय और हमारा स्वास्थय

आयुर्वेद का परिभाषा ,व्याख्या एवं इतिहास

आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वन्तरि
आयुर्वेद (आयु + वेद = आयुर्वेद) विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। यह अथर्ववेद का उपवेद है। यह विज्ञान, कला और दर्शन का मिश्रण है। ‘आयुर्वेद’ नाम का अर्थ है, ‘जीवन का ज्ञान’ और यही संक्षेप में आयुर्वेद का सार है।

हिताहितं सुखं दुःखमायुस्तस्य हिताहितम्।
मानं च तच्च यत्रोक्तमायुर्वेदः स उच्यते॥ -(चरक संहिता १/४०)
(अर्थात जिस ग्रंथ में - हित आयु (जीवन के अनुकूल), अहित आयु' (जीवन के प्रतिकूल), सुख आयु (स्वस्थ जीवन), एवं दुःखआयु (रोग अवस्था) - इनका वर्णन हो उसे आयुर्वेद कहते हैं।)

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