यूनानी चिकित्सा
यूनानी चिकित्सा पद्धति भारतीय चिकित्सा विधि का ही एक रूप है। कफ़, बलगम, पीला पित्त (सफ़रा) और काला पित्त (सौदा) प्रधानता के आधार पर रोग के लक्षणों का पता किया जाता है। भारतीय चिकित्सा दर्शन के करीब माना जाता है। मानव शरीर में आग, जल, पृथ्वी और वायु प्रधानता का मानव शरीर पर प्रभाव ही मूल रोग लक्षण और निदान देखा गया है। यूनानी चिकित्सा के अनुयायियों के अनुसार इन तत्वों के विभिन्न तरल पदार्थ में और उनके शेष राशि की उपस्थिति से स्वास्थ्य के असंतुलन का सुराग लगता है। इन पदार्थो का प्रत्येक आदमी में अनूठा मिश्रण उसके स्वभाव और रक्त की विशेषता तय करता है। कफ की प्रधानता वाला व्यक्ति ठंडे स्वभाव का होता है। पित्त पीला या चिड़चिड़ा और विषादपूर्ण पित्त काला बनाता है।