योग से मधुमेह को कैसे नियंत्रित रखें

पश्चिमोत्तासन

      दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं। - यह सुनिश्चित करें कि घुटने थोड़े मुड़े हुए हों, जबकि पैर आगे की ओर खिंचे हुए हों। - दोनों बांहों को ऊपर की ओर फैलाएं और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। - अब सांस को छोड़ते हुए, दोनों हाथों सहित शरीर के ऊपरी हिस्से को आगे की तरफ़ झुकाएं। - दोनों बांहों को पैरों के समानांतर रखें और पैर की उंगलियों को पकड़ें। - घुटनों को नाक से छूने की कोशिश करें। - इस मुद्रा के 3 राउंड और 3 सेट कर सकते हैं।

मंडूकासन

     पहले ज़मीन पर वज्रासन में बैठ जाएं, और अपनी दोनों बांहों को सामने फैलाएं। - अंगूठे को हथेलियों में मोड़ें, शेष चार अंगुलियों को इसके ऊपर लपेटें और मुट्ठी बनाएं। - दोनों हाथों की मुट्ठी नाभि के ऊपर रखें। - सांस छोड़ते हुए शरीर का ऊपरी हिस्सा सामने की तरफ़ मोड़ें और सीने को जांघों पर रखें। - गर्दन को हल्का-सा उठाकर सामने की तरफ़ देखें। - अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए िफर से वज्रासन की स्थिति में आ जाएं। - इस आसन को 5-6 बार कर सकते हैं।

अधोमुख श्वानासन

     सबसे पहले वज्रासन में बैठें। आगे की तरफ़ झुककर हाथों को ज़मीन पर रखें। - हाथों और घुटनों पर खड़े हो जाएं, जिससे चौपाए जैसी आकृति बनेगी। - अब कूल्हे ऊपर उठाएं, घुटनों और कोहनियों को सीधा कर उल्टे ‘वी’ का आकार बनाएं। - हथेलियों को आसन पर रखते हुए दबाव डालें और कंधे खोलें। एड़ियों को फर्श से उठने नहीं दें। - सिर नीचे करें, नज़र पैर की उंगलियों पर केंद्रित करें। 8 से 10 सांसों तक रुकें और फिर घुटने मोड़ते हुए चौपाए की स्थिति में वापस आएं।