योगाभ्यास के अंत में जरूर करे शवासन

शवासन

योग अभ्यास में शवासन सबसे आसान मुद्रा मानी जाती है। लेकिन अगर आप व्यायाम करने के बाद इसे नहीं करते हैं, तो यह गलत है। इस आसन में एक मृत शरीर की भांति लेटे रहना पड़ता है। अक्सर समय की कमी के कारण अधिकांश लोग इस आसन को स्किप कर देते हैं। जबकि ऐसा करना सही नहीं है। योगासन करने के बाद अपने थके हुए शरीर को थोड़ी देर विश्राम देने के लिए शवासन करना जरूरी है। एक सही योगासन का चक्र मुद्राओं के साथ शुरू होकर विश्राम पर अंत होना चाहिए।

 शवासन 

यह योग विज्ञान का सबसे महत्वपूर्ण आसन है। आम धारणा है कि शवासन बेहद सरल आसन है। जबकि हकीकत यह है कि शवासन योग विज्ञान के सबसे कठिन आसनों में से एक है। ये आसन देखने में बेहद सरल लगता है, लेकिन इसमें सिर्फ लेटना ही नहीं होता। इसमें अपने मन की भावनाओं और शरीर की थकान दोनों पर एक साथ नियंत्रण पाना होता है। 

शवासन योग सेशन के बाद किया जाता है। इसे करने से डीप हीलिंग (deep healing) के साथ ही शरीर को गहराई तक आराम भी मिलता है। इस आसन को तब भी किया जा सकता है जब आप बुरी तरह से थके हों और आपको थोड़ी ही देर में वापस काम पर लौटना हो। शवासन का अभ्यास आपको ताजगी ​और ऊर्जा भी देगा।

शवासन करने की विधि 

  • सबसे पहले अपने योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। ये सुनिश्चित करें कि आसन करने के दौरान कोई भी आपको डिस्टर्ब न करे। किसी तकिये या कुशन का इस्तेमाल न करें। सबसे अच्छा यही है कि आप जमीन पर लेटें। 
  • अपनी आंखें बंद कर लें। 
  • अब दोनों टांगों को एक दूसरे से अलग-अलग कर लें। इस बात का ध्यान रखें कि आप पूरी तरह से रिलैक्स हों और आपके पैरों के दोनों अंगूठे अपनी  साइड की तरफ मुड़े हो। 
  • आपके हाथ आपके शरीर से थोड़ी दूरी पर हो। अपनी  हथेलियों को खुला, लेकिन ऊपर की तरफ रखें। 
  • अब धीरे-धीरे शरीर के हर हिस्से की तरफ ध्यान देना शुरू करें, शुरुआत पैरों के अंगूठे से करें। जब आप ऐसा करने लगें, तो सांस लेने की गति एकदम धीमी कर दें। धीरे-धीरे आप गहरे मेडिटेशन में जाने लगेंगे। 
  • ध्यान रहे जैसे ही आपको आलस या उबासी आए सांस लेने की गति तेज कर दें। आपको शवासन करते हुए कभी भी सोना नहीं है। 
  • यह आपको धीरे-धीरे पूरी तरह रिलैक्स करने लगेगा। मन में सोचें कि जब आप सांस ले रहे हैं, तो वह पूरे शरीर में फैल रही है। लेकिन जब आप सांस छोड़ रहे हैं, तो शरीर शांत होता जा रहा है। आपका फोकस सिर्फ खुद और अपने शरीर पर ही रहेगा। ध्यान दें आपको सोना नहीं है।  
  • 10-12 मिनट के बाद, जब आपका शरीर पूरी तरह से रिलैक्स हो जाए और नई ताजगी को महसूस करने लगे तो, बाईं तरफ करवट ले लें। दोनों आंखों को बंद रखें। एक मिनट तक इसी स्थिति में लेटें रहें। इसके बाद धीरे-धीरे उठें और फिर पालथी मारकर या सुखासन में बैठ जाएं। 
  • कुछ गहरी सांसें लें और धीरे-धीरे आंखें खोल दें।           
  • शवासन करते समय सावधानिया 

    शवासन को करना बेहद सुरक्षित है और कोई भी इसका अभ्यास कर सकता है। लेकिन अगर डॉक्टर ने किसी मेडिकल कंडीशन की वजह से आपको पीठ के बल लेटने से मना किया है, तो इस आसन का अभ्यास बिल्कुल भी न करें। अगर आप शवासन करने से पहले कंधे, सीने और पीठ में जकड़न महसूस कर रहे हैं, तो आपके कंधे फर्श को छू नहीं सकेंगे। अगर आप जबरन इसे करने की कोशिश करेंगे तो आपकी गर्दन दर्द करने लगेगी। इसलिए यह योगासन करते समय जबरदस्ती न करें। 

  •  शवासन करने के लाभ 

    रोज योग करने के बाद 8-10 मिनट तक शवासन का अभ्यास करना चाहिए। इससे अपनी खोई हुई ऊर्जा मिलने के साथ ही आपको डिप्रेशन और तनाव से मुक्ति मिलेगी। इसके कुछ अन्य फायदें है:

1. शरीर को ध्यान (meditation) की स्थिति  में लाना 

शवासन आपको ध्यान की स्थिति में ले जाता है, जिससे आपके थके हुए सेल्स और टिशू दुबारा रिपेयर हो जाते हैं। यह स्ट्रेस से भी छुटकारा देता है। 

2. रीलैक्स और शांत करना 

ये आपका वर्कआउट खत्म करने के लिए एक बेहतरीन आसन है। इसे करते ही आप रीलैक्स और शांत हो जाएंगे। यह आपकी थकान को दूर करके आपके शरीर में ऊर्जा का संचार करता है। आपके रोजमर्रा के काम और एक्सरसाइज के बीच संतुलन बनाता है शवासन। 

 

3. हाई ब्लड प्रेशर और एंग्जायटी से राहत 

जब आपका शरीर आराम की स्थिति में आ जाता है, तो आपका ब्लड प्रेशर का स्तर गिरने लगता है। यह मुद्रा आपके दिल को आराम देने में मदद करता है जिसके कारण आप ऐंगज़ाइटी या घबराहट का अनुभव नहीं करते है। 

4. ऊर्जा के स्तर को बढ़ाना 

सिर्फ 10 मिनट तक शवासन करने से आपको ऐसी ऊर्जा का अनुभव होगा, जैसा बाकी किसी उपाय से पहले कभी नहीं हुआ था। ये आपकी प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने में भी मदद करता है।

5. मेमोरी तेज करता है शवासन 

मेडिटेशन का सीधा फायदा ये है कि ये फोकस और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है। जब आप शवासन कर रहे होते हैं तो अपने आप आपका ध्यान शरीर के हर हिस्से पर अपने आप ध्यान केंद्रित करने लगता है। आपका दिमाग अपने आप ही एकाग्रता और याददाश्त को मजबूत करने लगता है।

 

तो अगर आप जल्दबाजी में या शवासन को सरल आसान समझकर इसे स्किप करते है तो वक्त आ गया है कि यह आपके योग रूटीन में शामिल हो।