कटि स्नान क्या है

कटि स्नान क्या है

इसॆ कटि स्नान, पेडु स्नान ,उदर स्नान और घर्षण स्नान भी कहा जाता है 

विधि 

➖टब  में पानी भर कर ,पानी उतना भरें जितने में बेठ्ने पर पानी रोगी की नाभि और जांघो तक आ जाये 
➖कपड़े निकाल कर आराम सॆ बेठ जायें ऐसा करने सॆ रीढ़ स्नान भी हो जाता है 
➖पेरौ के नीचे टब सॆ बाहर रखते हुए नीचे लकड़ी का पाट रखें 
➖बेठने के बाद सिर और मुँह छोड़कर अच्छे सॆ कपड़े सॆ ढक लें 
➖गर्मी के दिनों में नंगे बदन कर सकते है 
➖टब की गहराई ज्यादा हो ,अगर  बाहर पेर लटकाने में असुविधा हो तो टब में कोई ऊँची वस्तु चोन्की आदि रखें 
➖पानी उतना ठंडा या गर्म लें जितना शरीर को भला लगे 
➖टब में बेठने के बाद एक खुरदुरे या रौयेदार  तौलिए को गोल सा लपेट कर हाथ में लेकर नाभि के नीचे पेट पर पेहले दायें सॆ बायें मळे फ़िर इसी स्थान सपर ऊपर सॆ नीचे मळे 
➖लेकिन ज्यादातर दायें सॆ बायें या बायें सॆ दायें रगडे 
➖साथ ही दोनो जांघो को गुदाद्वार तक और जनन इंद्रिय के बाहरी भाग को भी ज़रूर रगडे 
➖ये क्रिया दबाकर हो मगर इतनी भी ज्यादा ना हो कि चमड़ी छिल जाये 
➖ऐसा करने सॆ पेट के भीतरी दीवार पर रुके खाने की जो परत जम जाती है और सड़कर रोग उत्पन करती है ढीली पडकर पेट सॆ मल सॆ बाहर
➖कटि स्नान के बाद टब सॆ निकलने सॆ पेहले रोगी को गले सॆ कमर तक के भाग को पानी सॆ धो लेना होगा 
➖यदि रोगी कमजोर नही है तो स्नान ही कर लें 
समय-कितना टाइम करें
➖शुरू शुरू में 5-10 मिनट फिर 2-3दिनों में 1-2 मिनट बढ़ाते जायें 
➖धीरेधीरे 15 मिनट फ़िर 20 वैसे भी रोगी की दशा पर निर्भर करता है कि  वो कितनी देर कर सकता है 
30 मिनट सॆ ज्यादा किसी भी हाल में नही करना है 
➖यदि रोगी कमजोर है तो केवल 20 मिनट तक,अधिक   बूढे ,कमजोर ,छोटे बालकों को 5-7 मिनट ही 
➖सुबह खाली पेट सबसे अच्छा समय माना जाता है या शाम को दुपहर के खाने सॆ पहले या खाने के 3 घंटे  बाद फ़िर आधे घंटे बाद कुछ खा सकते है 
➖सुबह शौच आदि के बाद खाली पेट करें 
➖सर्दी के दिनों में कटि स्नान के 2 घंटे और गर्मी के दिनों में कटि स्नान के एक घंटे बाद या पहले साधारण स्नान कर लें 
➖रोजाना नियमित समय पर ही स्नान करें और रोग में आने वाली कमी या अधिकता के अनुसार इसके समय को जारी रखे 
➖इस स्नान सॆ पुराने रोग सामने आते है,अगर तीन चार सप्ताह तक भी ऐसा ना हो तो 5वें सप्ताह में स्नान बँद कर दें 
➖छठे सप्ताह सॆ स्नान के सभी नियम ध्यान सॆ पढ़कर फ़िर शुरू कर दें देखें कमी कहाँ हुई है 
➖ये रोजाना 3 बार कर सकते है