हर योग हर किसी के लिए नहीं, जानिए आपके लिए कौन सा योग है सही

योग से शरीर, मन और मस्तिष्क स्वस्थ रहता है, लेकिन हर योग हर किसी के लिए नहीं होता, इस बात का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। खासतौर पर दिल के बीमार, हाई बीपी वाले कुछ खास योग ही कर सकते हैं। इसी तरह से गठिया, सर्वाइकल से पीड़ित और स्लिप डिस्क वाले भी हर योग नहीं कर सकते। जिनके पेट का ऑपरेशन हुआ है, ऐसे व्यक्ति छह महीने बाद ही योग करें।

योग भारती के अध्यक्ष गिरिजा कांत सिंह ने बताया कि इस समय पर प्राणायाम का ज्यादा प्रचलन हो गया है। कपाल भाती और भर्तिका प्राणायाम पर ज्यादा जोर दिया जाता है। ये दोनों प्राणायाम दिल की बीमारी और हाई बीपी वालों के लिए नुकसानदायक हैं। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ऐसे लोग अनुलोम-विलोम प्राणायाम, शीतली, शतकारी और भ्रामरी प्राणायाम कर सकते हैं।

अगर सूर्य नमस्कार करना चाहते हैं तो धीरे-धीरे कर सकते हैं। तेजी से करेंगे तो नुकसान होगा। ताड़ासन, दक्षासन, कोणासन लाभदायक होते हैं। अर्धकटिचक्रासन भी कर सकते हैं। जिन्हें स्लिप डिस्क की समस्या है, वो पादहस्तासन न करें। दंडासन कोई भी कर सकता है। उन्होंने बताया कि चक्रासन, मयूर आसन और शीर्षासन योग ट्रेनर के निर्देशन में ही करना चाहिए। सुखासन, मक्रासन, दक्षासन, ताड़ासन कोई भी कर सकता है।
वज्रासन : इसी तरह जिन्हें घुटने की समस्या हैं, ऐसे लोग वज्रासन न करें। पेट की समस्या वालों के लिए वज्रासन बहुत लाभदायक है। यह एक ऐसा आसन है जो खाना खाने के बाद भी किया जा सकता है। घुटने की समस्या वालों को छोड़कर बाकी कोई भी पद्मासन कर सकता है। 

गौमुख आसन : गठिया, हृदय रोगी और जिनके पेट में हाल ही ऑपरेशन हुआ हो, उन्हें छोड़कर बाकी कोई भी गौमुख आसन कर सकता है। डायबिटीज और गैस से पीड़ित लोगों के लिए मंडूक आसन लाभकारी आसन है। यह आसन भी गठिया और हृदय रोगियों के लिए नुकसानदायक है।

पश्चिमोत्तानासन : हृदय रोगी और जिनकी कमर और पीठ में दर्द हैं, ऐसे लोग पश्चिमोत्तासन न करें। 

ऊर्ष्टासन: हृदय रोगी, कमर दर्द और हाई बीपी वालों को छोड़कर कोई भी यह आसन कर सकता है।

शशांकासन : जिनके पेट में हाल में ऑपरेशन हुआ हो, उन्हें छोड़कर कोई भी यह आसन कर सकता है। 

शुक्रवज्रासन : हृदय रोगी, हाई बीपी और गठिया से पीड़ित लोगों को छोड़कर बाकी कोई भी यह आसन कर सकता है।

अर्धमत्स्येन आसन : हाई बीपी और दिल के रोगियों को छोड़कर बाकी कोई भी यह आसन कर सकता है। डायबिटीज के लिए यह आसन बहुत अच्छा रहता है। 

मकरासन : कमर दर्द, अनिद्रा, दिल के रोगियों को छोड़कर बाकी कोई भी यह आसन कर सकता है। 

भुजंग आसन : यह आसन धीमी गति से कोई भी कर सकता है। जिनके कंधे में ज्यादा दर्द हो या जिनके पेट के ऑपरेशन हुआ हो, उन्हें छोड़कर कोई भी यह आसन कर सकता है।

तलवासन : हृदय रोगी को छोड़कर कोई भी यह आसन कर सकता है। 

धनुआऱ्सन : दिल के रोगी, हाई बीपी और कमर दर्द वालों को छोड़कर बाकी कोई भी यह आसन कर सकता है।

सर्वांग आसन : हाई बीपी, हृदय रोगी और सर्वाइकल की समस्या वालों छोड़कर बाकी कोई भी कर सकता है।

मत्स्य आसन : हृदय रोगी, सर्वाइकल, ऑर्थराइटिस और पेट के ऑपरेशन वालों को छोड़कर बाकी कोई भी यह आसन कर सकता है। अस्थमा वालों के लिए यह आसन अच्छा होता है।

हलासन : दिल के रोगी, सर्वाकल, कमर दर्द, पेट के ऑपरेशन वालों को छोड़कर कोई भी यह आसन कर सकता है।

चक्रासन : दिल के रोगी, हाई बीपी, स्लिप डिस्क, सर्वाकल की समस्या वालों को छोड़कर बाकी कोई भी यह आसन कर सकता है। 

शवासन : यह आसन कोई भी कर सकता है। मानसिक रोगी, हाई बीपी, अनिद्रा की समस्या वालों के लिए यह अच्छा रहता है।

मानसिक शांति के लिए ये योग करें
योग भारती की रीना राठौर का कहना है कि योग से मानसिक शांति भी मिलता है। शवासन, शशांक आसन, मकरासन बहुत अच्छा है। भ्रामरी प्राणायाम मानसिक शांति के लिए बहुत अच्छे हैं। ऐसे लोगों को मेडीटेशन करना चाहिए। ओम का उच्चाकरण करने से भी उन्हें शांति मिलती है।
साभार अमर उजाला 
 

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हर योग हर किसी के लिए नहीं, जानिए आपके लिए कौन सा योग है सही