वृक्षासन

वृक्षासन

सर्वांगासन 

-सबसे पहले मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं। मुख आकाश की ओर करके दोनों हाथों को सीधे पैरों की दिशा में ज़मीन पर रखे।
-अपनी आंखें बंद कर लें। अब गहरी सांस शरीर के अंदर की और लें। इसके साथ ही दोनों पैरों को सामान्य गति से ऊपर आकाश की ओर उठाएं।
-पैरों के साथ ही कमर को भी धीरे धीरे ऊपर उठाएं। पैर आकाश में 90 डिग्री की सीध में हों तो कमर और पीठ को ऊपर उठाएं।
-इसके लिए अपने दोनों हाथों का सहारा लें। हाथों की कोहनियों को जमीन पर ही रखें।
-हथेलियों से पीठ को सहारा देते समय ध्यान रखें कि दोनों हाथ के अंगूठे पेट की ओर होने चाहिए और हाथों की चार चार उंगलियां पीठ पर आमने-सामने हों।
-इस स्थिति में थोड़ी देर रहे, फिर धीरे धीरे अपने हाथों और कंधों के सहारे को हटा कर कमर को नीचे लाएं। और फिर पैरों को जमीन पर वापस ले आएं।

सर्वांगासन करने के लाभ 

-हाथ-कंधों की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं।
-मेमोरी तेज होती है।
-मस्तिष्क में एनर्जी का फ्लो बेहतर होता है।
-आंखों की रोशनी बढ़ती है।
-चेहरे पर ग्लो आता है।
-डायबिटीज कंट्रोल होती है।

वृक्षासन

-वृक्षासन शरीर का संतुलन और ध्यान एकाग्र करने में मदद करता है। इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले दोनों पैरों पर सीधे खड़े हो जाएं।
-अब अपने बाएं पैर पर संतुलन बनाते हुए दाएं पैर को मोड़कर उसका तलवा बाएं पैर की अंदरूनी जांघ पर रखें।
-इस दौरान आपके दाएं पैर का पंजा जमीन की तरफ होना चाहिए।
-इसी पोज में कुछ देर रहें और संतुलन बनाए रखें।
-अब हाथों को जोड़कर सिर के ऊपर ले जाएं।
-कुछ देर इसी स्थिति में रहें के बाद दूसरे पैर से भी यह प्रक्रिया करें। 

वृक्षासन के लाभ 

-वृक्षासन को ट्री पोज कहते हैं। इस योगासन से दिमाग का संतुलन बढ़ता है।
-ध्यान लगाने की क्षमता बढ़ती है।
-पैर मजबूत होते हैं।
-साइटिका की समस्या से राहत मिलती है।