क्रिया योग क्या है

क्रिया योग

क्रिया योग आध्यात्मिक विकास का अहम ज़रिया है, इसमें सांसों को नियंत्रित किया जाता है। इसकी खासियत यह है कि ध्यान के साथ ही इसमें जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव भी लाया जाता है। योग के जानकारों के मुताबिक, क्रिया योग 5 तरीके के होते हैं क्रिया योग एक तरह का प्राचीन योग है। इसमें प्राणायाम की कई पद्धतियां शामिल है। एकाग्रता और आध्यात्मिक विकास के लिए क्रिया योग किया जा सकता है। यह साधारण प्राणायाम से उच्च स्तर का माना जाता है यानी इसे करने के लिए आपको बहुत अधिक ध्यान की ज़रूर है। सही तरीके से क्रिया योग करने पर न सिर्फ आपकी एकाग्रता बढ़ती है, बल्कि कई रोगों से भी मुक्ति मिलती है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, क्रिया योग आध्यात्मिक विकास का अहम ज़रिया है, इसमें सांसों को नियंत्रित किया जाता है। इसकी खासियत यह है कि ध्यान के साथ ही इसमें जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव भी लाया जाता है। योग के जानकारों के मुताबिक, क्रिया योग 5 तरीके के होते हैं।

क्रिया हठ योग- यदि आप अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो क्रिया हठ योग करें।

क्रिया कुण्डलिनी प्राणायाम- जो व्यक्ति अपनी चेतना और आंतरिक शक्ति को बढ़ाना चाहते हैं, उन्हें कुण्डलिनी प्राणायाम करना चाहिए।

क्रिया ध्यान योग- यदि आपका ध्यान भटक जाता है किसी एक चीज़ पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं, तो अपनी एकाग्रता बढ़ाने के लिए क्रिया ध्यान योग करिए। 

क्रिया मंत्र योग- योग के जानकारों के अनुसा, यह योग आपकी बुद्धि, ज्ञान और शरीर के सात चक्रों को जागृत करने का काम करती है।

क्रिया भक्ति योग- इस योग को करने वालों को अपने सभी काम में सफलता मिलती है।

 क्रिया योग करने की बिधि 

क्रिया योग गुरु-शिष्य परंपरा के जरिए ही सीखा जा सकता है, यानी इसे इंटरनेट पर देखकर अपने आप नहीं करना चाहिए जैसा आप बाकी योगासन करते हैं। इसे किसी गुरु के मार्गदर्शन में ही किया जाना चाहिए, क्योंकि यह सिर्फ प्राणायाम नहीं है, बल्कि एक तरह की साधना है और आपको अपनी जीवनशैली में भी सकारात्मक बदलाव करना होता है।

क्रिया योग के लाभ 

 

 शरीर ऊर्जावान बनता है।

 भावनात्मक संतुलन और मानसिक शांति मिलती है।

 बुद्धि तेज होती है।

एकाग्रता बढ़ती है।

 आपको खुद काम करने की प्रेरणा मिलती है।

 अंदर से शक्ति का संचार होता है।

 यह शरीर के साथ ही मन का भी कायाकल्प कर देती है।

 व्यक्ति का समग्र विकास होता है।

जीवन का उद्देशय स्पष्ट हो जाता है।

मानसिक रोग जैसे अवसाद, तनाव से छुटकारा मिलता है।