रोज़ाना योग करें, ध्यान लगाएं और ॐ का उच्चारण करें।

ॐ उच्चारण के कई फ़ायदे

ॐ बड़ा प्रभावशाली शब्द है। इसका ध्यानपूर्वक उच्चारण करने से ना केवल सोचने-विचारने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है बल्कि कई बीमारियां दूर होती हैं और शरीर स्वस्थ रहता है। सही समय और सही तरीक़े का ख़्याल रखना ज़रूरी है।

योग हो या ओम (ॐ), ये ऐसी शारीरिक क्रियाएं और उच्चारण हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं। ग्रंथों में यह उल्लेख है कि ॐ वह ध्वनि है जो सृष्टि के प्रारम्भ में सर्वप्रथम बनी। यह ध्वनि तीन अक्षरों ‘अ’,‘ऊ’ और ‘म’ से बनी है। ॐ के उच्चारण से हमारे स्वास्थ्य को अनेक लाभ मिलते हैं। रोज़ाना योग करें, ध्यान लगाएं और ॐ का उच्चारण करें। हालांकि पहले ऐसा करने का सही तरीक़ा भी जान लें।

ऐसे उच्चारण करें
पद्मासन में बैठें और आंखें बंद करें। पेट से आवाज़ निकालते हुए ज़ोर से ॐ का उच्चारण करें। ॐ को जितना लंबा खींच सकें खींचें। सांस भर जाने पर रुकें और फिर यही प्रक्रिया दोहराएं। उच्चारण तेज़ आवाज़ में करें।

पूरा उच्चार ऐसा होगा
ॐ मात्र एक शब्द नहीं बल्कि अपने आप में एक पूर्ण मंत्र है। यह लगता आसान है पर उतना ही मुश्किल इसका उच्चारण है।
ॐ बोलने पर ‘अ’ से निचले भाग (नाभि के हिस्से में) में कंपन होता है, ‘ऊ’ से शरीर के मध्य भाग (छाती के क़रीब) में कंपन होता है और ‘म’ से शरीर के ऊपरी भाग (गले) में कंपन उत्पन्न होता है।
‘अ’ बोला जाता है 10 फ़ीसदी, ‘ऊ’ बोला जाता है 20 फ़ीसदी और ‘म’ 50 फ़ीसदी बोला जाता है। ‘म’ सबसे लम्बा बोला जाता है।
हालांकि योग सेंटर में सबसे अधिक ध्यान ‘अ’ और ‘ऊ’ पर दिया जाता है, ‘म’ को केवल मंत्र पूरा करते समय बोलकर छोड़ दिया जाता है। वहीं आश्रम या योगिक हीलिंग में अधिक ध्यान ‘म’ पर दिया जाता है। अगर किसी ख़ास स्वास्थ्य लाभ के लिए अभ्यास कर रहे हों, तो उसी तरह से उच्चारण करें। योग विशेषज्ञ से चर्चा करके भी किस शब्द पर ज़ोर देना या धीमे-धीमे उच्चारना है, यह पता कर सकते हैं।

सुबह ही अभ्यास करें
जिस प्रकार व्यायाम या योगाभ्यास करने का समय होता है, उसी प्रकार ओम उच्चारण का भी समय निश्चित है। उच्चारण का सही समय प्रातःकाल है। इसे दोपहर, शाम या रात में ना करें।

ॐ उच्चारण के कई फ़ायदे
— ओम (ॐ) के उच्चारण से जो कंपन व आभास होता है वह शरीर को पूर्ण तरीक़े से शुद्ध करता है।
— स्मरण शक्ति और ध्यान लगाने की क्षमता में सुधार होता है। क्रोध नियंत्रित कर सकते हैं।
— शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाने में भी इसका उच्चारण मदद करता है।
— हॉर्मोन को संतुलित करने में मददगार है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
— इससे सकारात्मकता बढ़ती है जिससे कामों को अच्छी तरह से कर पाते हैं।

जब ॐ का उच्चारण करें, तो केवल इस शब्द पर ही पूरा ध्यान केंद्रित करें। इसे बोलते वक़्त अंदर से महसूस करें। जब आंखंे बंद करके इसका उच्चारण करें, तो ध्यान लगाने के साथ-साथ ॐ शब्द को मन की आंखों से देखें।