बुढ़ापे में याददाश्त कम होने से से बचाता है योग

बुढ़ापे में याददाश्त कम होने से से  बचाता है योग

            बुढ़ापे में याददाश्त कम होने से से  बचाता है योग  योग करना मस्तिष्क की संरचना में बदलाव ला सकता है और बुढ़ापे में याददाश्त कम होने जैसी समस्या से बचाता है। हाल में किए गए एक शोध में जब लंबे समय से योग का अभ्यास करने वाली बुजुर्ग महिलाओं के मस्तिष्क का आकलन किया तो वैज्ञानिकों ने पाया कि इनके मस्तिष्क के बाएं प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स में कॉर्टिकल ज्यादा मोटा है,  यह ध्यान और स्मृति जैसी संज्ञानात्मक चेतनाओं से जुड़ा होता है।

उम्र बढऩे के साथ ही मस्तिष्क की संरचना और कार्यक्षमता में बदलाव होता है और इससे अक्सर ध्यान और स्मृति कम होती जाती है। यह शोध फ्रंटियर्स इन एजिंग न्यूरोसाइंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

 इस दौरान मस्तिष्क में एक ऐसा बदलाव होता है, जिसमें सेरेब्रल कॉर्टेक्स पतला हो जाता है, जो वैज्ञानिकों के अनुसार संज्ञानात्मक गिरावट से संबंधित है। इन परिवर्तनों को कैसे बदला और धीमा किया जा सकता है, इसका जवाब देते हुए शोधकर्ता एलिसा कोजासा ने बताया कि व्यायाम व योग से जिस तरह मांसपेशियों का विकास होता है, वैसा ही मस्तिष्क के साथ भी हो सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जो बुजुर्ग लोग लंबे समय से योग का अभ्यास कर रहे हैं, उनकी संज्ञानात्मक क्षमता बेहतर है। ये सांस से जुड़े व्यायामों और मेडिटेशन की वजह से था। 

शोधकर्ताओं का कहना है कि योग के फायदे एरोबिक एक्सरसाइज से कहीं ज्यादा हैं। योग का अभ्यास करने वाले लोग ज्यादा सतर्क होते हैं और उनकी याददाश्त भी अच्छी होती है। इसकी बड़ी वजह ये है कि जब हम योग करते हैं तब हमारे पोश्चर्स को सतर्कता से मेंटेन करते हैं। यही बात सांस से जुड़े व्यायामों और मेडिटेशन के साथ भी होती है।

ब्राजील में किए गए इस शोध की शोधकर्ता एलिसा कोजासा का कहना है कि योग करने से हमारी मांसपेशियों और मस्तिष्क उसी तरह सतर्कता से चीजें करने की ट्रेनिंग मिलती है, जैसे हम योग के पोश्चर के दौरान करते हैं। इससे मस्तिष्क बेहतर ढंग से काम करता है और हम ध्यान को केंद्रित कर पाते हैं। शोध में यह भी कहा गया कि बुजुर्गों में जिनके साथ बातों को भूलने की समस्या शुरू हुई जब उन्होंने योग करना शुरू किया तो उन्हें इससे काफी फायदा हुआ। 

सोर्स नवोदय टाइम्स