योगाभ्यास खाली पेट ही क्‍यों करना चाहिए

योगाभ्यास खाली पेट ही क्‍यों करना चाहिए

योगाभ्यास खाली पेट ही क्‍यों करना चाहिए - योगाभ्यास मन और शरीर दोनों को स्वस्थ रखने का अभ्यास है। सुबह का समय इसके लिए सबसे बेहतर होता है। वैसे तो योगा दिन के किसी भी समय में करने से कोई नुकसान नहीं है लेकिन ज्यादातर योग गुरू योगा के लिए सुबह का समय ही बेहतर बताते हैं। सुबह के समय मन शांत होता है और हवा भी शुद्ध होती है। प्राणायाम सांसों का ही अभ्यास होता है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि शुद्ध हवा के साथ पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन आपके शरीर में जाए तो इसके लिए कोशिश करें कि योगासन के तमाम अभ्यास सूर्योदय से पहले करें। इस दौरान वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा ज्यादा होती है। योगा-विशेषज्ञों के मुताबिक खाली पेट योगा करना ज्यादा असरदार होता है। दरअसल योगा के लिए आपकी एनर्जी पूरी तरह से योग के विविध आसनों पर केंद्रित होनी चाहिए। ऐसे में आपके पाचन तंत्र को भी आराम की स्थिति में होना चाहिए। मतलब उसे किसी भी तरह के पाचन संबंधी काम से अवकाश होना चाहिए। पाचन तंत्र में भोजन की उपस्थिति योगाभ्यास के दौरान उल्टी, गैस और जी मिचलाने जैसी समस्या भी उत्पन्न कर सकती है। इसलिए योगा से पहले पेट खाली होना बेहद जरूरी है ताकि आपकी पूरी ऊर्जा योग के विभिन्न आसनों पर केंद्रित हो सके और अभ्यास का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।

जब हम योगा करते हैं तो शरीर को कई अवस्थाओं में मोड़ते और झुकाते हैं। ऐसे में पेट अगर खाली नहीं होगा तो पाचन और पेट संबंधी कई बीमारियों का शिकार बनना पड़ सकता है। इसके अलावा जो लोग वजन कम करने की कोशिश में लगे हैं उन लोगों का पेट खाली होना अनिवार्य है। अगर ऐसा नहीं होगा तो योगाभ्यास उनके लिए विपरीत असर वाला सिद्ध हो सकता है। अगर आप योगा के लिए शाम का वक्त चुन रहे हैं तो ध्यान रखें कि खाना खाने के 3-4 घंटे के बाद ही योगा करने की कोशिश करें। हल्के नाश्ते के एक घंटे बाद योगा किया जा सकता है।