योग और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से भी डेंगू का इलाज संभव है

योग से करें डेंगू का इलाज,

इन दिनों प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में डेंगू का प्रकोप है। कोरोना के साथ ही साथ डेंगू की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। ऐसे में डेंगू और वायरल बुखार के सैकड़ों मरीज अस्पताल में भर्ती है। डेंगू के बढ़ते मामलों में आयुष विभाग ने इलाज के लिए प्राकृतिक चिकित्सा और योग को अपनाने की सलाह दी है।योग और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से भी डेंगू का इलाज संभव है। डेंगू होने पर घबराने की आवश्यकता नहीं है। प्रत्येक रोगी को अस्पताल में भर्ती ही नहीं होना पड़ता है। बल्कि रोगी घर पर रहते हुए भी उपचार कर सकता है। आयुष मंत्रालय की सलाह, व्रत और प्राणायाम से ऐसे करें डेंगू बुखार का इलाज

 कोरोना से जूझ रहे भारत में अब डेंगू (Dengue) और मौसमी बुखार अपना कहर बरपा रहा है. सैकड़ों की संख्‍या में डेंगू और वायरल फीवर से पीड़‍ित मरीज अस्‍पतालों में भर्ती हैं. अभी तक यूपी, बिहार, हरियाणा, एमपी सहित कई राज्‍यों में 100 से ज्‍यादा डेंगू मरीजों की मौत (Death of Dengue Patients) हो चुकी है. इनमें बच्‍चों की संख्‍या काफी ज्‍यादा है. अभी तक डेंगू का कोई सटीक इलाज न होने और लक्षणों आधार पर उपचार होने के चलते केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय (Ayush Ministry) की ओर से भी इस बीमारी के मरीजों के इलाज के लिए प्राकृतिक चिकित्‍सा (Naturopathy) और योग (Yoga) को अपनाने की सलाह दी गई है.

 

आयुष मंत्रालय की ओर से बताए गए उपचार के तरीकों में प्राकृतिक चिकित्‍सा और योग के माध्‍यम से डेंगू मरीज का इलाज करने के लिए गाइडलाइंस दी गई हैं. जिसमें बताया गया है कि प्राकृतिक चिकित्‍सा या नेचुरोपैथी के अनुसार डेंगू होने पर घबराने की जरूरत नहीं है. मरीज को घर पर रखकर भी डेंगू का इलाज (Dengue Tratment) किया जा सकता है. इस चिकित्‍सा के अनुसार बुखार शरीर के लिए अलार्मिंग लक्षण की तरह है जो यह बताता है कि शरीर के अंदर कुछ गलत हो रहा है जिसे सही करने की जरूरत है. डेंगू बुखार में शरीर का तापमान (Body Temperature) सबसे बड़ी वजह होता है. ऐसे में इसे संतुलित रखना जरूर है. लिहाजा आयुष मंत्रालय ने इलाज के ये तरीके बताए हैं.

 डेंगू बुखार होने पर शरीर का तापमान अधिक बढ़ जाता है व शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा तेजी से घटने लगती है।आयुष विभाग के मुताबिक डेंगू के रोगी को व्रत रखने से लाभ होता है। इस दौरान सिर्फ लिक्विड डाइट या फलों का सेवन करना लाभदायक होता है। इस दौरान सिर्फ पानी का सहारा न लें बल्कि जूस और नारियल पानी का नियमित सेवन करते रहें। इसके अलावा हल्का या सुपाच्य भोजन भी खाया जा सकता है। इसके साथ ही साथ रोगी द्वारा नींबू और शहद का पानी, गेहूं के घास का जूस और गिलोय का अरक व पपीते के पत्ते के रस का सेवन करके शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा को तेजी से बढ़ाया जा सकता है बर्फ की सिंकाई और योग से मिलेगा लाभ : डेंगू के बुखार में बर्फ की सिकाई करना लाभदायक है। बर्फ के पैकेट को मरीज के माथे और पेट पर रखना चाहिए। कुछ समय पेट और माथे की सिंकाई करें। हर दो घंटे में ऐसा करते रहें जब तक कि शरीर का तापमान सामान्य न हो जाए। अनुलोम-विलोम व कपालभाति प्राणायाम करने से होगा विशेष लाभ ऐसे में डेंगू के मरीज को नाड़ी शुद्ध प्राणायाम या अनुलोम विलोम प्राणायाम, चंद्र-भेदी प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम या शीतली प्राणायाम का नियमित अभ्यास करना चाहिए। इसके साथ-साथ कपालभाति प्राणायाम के नियमित अभ्यास करने से शरीर में आरबीसी, डब्ल्यूबीसी और प्लेटलेट्स की मात्रा में वृद्धि होती है। इससे मरीज की सेहत में सुधार होता है। दिन में दो से नौ बार तक इसे करना होता है। इसके अलावा औषधियों द्वारा उपचार करना भी फायदेमंद हो सकता है लेकिन औषधियों का सेवन डॉक्टर के सलाह पर ही करें।