प्राकृतिक चिकित्सा

प्राकृतिक चिकित्सा केवल उपचार की पद्धति ही नहीं है,अपितु यह एक जीवन पद्धति भी है । इस पद्धति में औषधियो का प्रयोग नहीं किया जाता है इसीलिए इसे औषधि विहीन उपचार पद्धति कहा जाता है। यह मुख्य रूप से प्रकृति के सामान्य नियमों के पालन पर आधारित है।प्राकृतिक चिकित्सा के समर्थक खान-पान एवं रहन सहन की आदतों पर विशेष बल देते है। जहॉ तक मौलिक सिद्धांतो का प्रश्‍न है तो इस पद्धति का आयुर्वेद से अति निकटतम सम्बन्ध है।

अल्‍सर का उपचार

अल्‍सर का उपचार

अल्‍सर, जिसे अक्सर आमाशय का अल्‍सर, पेप्टिक अल्‍सर या गैस्ट्रिक अल्‍सर कहते हैं, आपके आमाशय या छोटी आँत के ऊपरी हिस्से में फोड़े या घाव जैसे होते हैं। अल्‍सर उस समय बनते हैं जब भोजन को पचाने वाला अम्ल आमाशय या आँत की दीवार को क्षति पहुँचाता है। पहले यह माना जाता था कि अल्‍सर तनाव, पोषण या जीवनशैली के कारण होता है किन्तु वैज्ञानिकों को अब यह ज्ञात हुआ है कि ज्यादातर अल्सर एक प्रकार के जीवाणु हेलिकोबैक्टर पायलोरी या एच. पायलोरी द्वारा होता है। यदि अल्सर का उपचार न किया जाये तो ये और भी विकराल रूप धारण कर लेते हैं। इन बातों का रखें ख्‍याल- 1.

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