वेदों मे योगांगों का स्वरूप
Submitted by admin on Tue, 07/12/2016 - 11:40वेदों मे योगांगों का स्वरूप:-
वेदों के परिशीलन से यह तथ्य स्पष्ट होता है कि पात´्जल योगदर्शन की भाँति योगांगों का संकलित स्वरूप वेदों मंे प्रतिपादित नहीं किया गया हैै। अथर्ववेदीय मन्त्र में प्रयुक्त ‘‘अष्टधा’’, ‘‘अष्टायोगेः’’ पदों का अर्थ भाष्यकार क्षमकरणदास त्रिवेदी ने पात´्जल-योग में निर्दिष्ट यम-नियम आदि अष्ट योगांगों को ग्रहण किया है।