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योगाभ्यास के दौरान ध्यान रखने योग्य बाते

योगाभ्यास के दौरान ध्यान रखने योग्य बाते

 योग कई लोगों की डेली रूटीन का हिस्सा बन गया है. जो लोग जिमिंग पसंद नहीं करते हैं, वो अक्सर फिजिकल एक्टिविटी की अपनी रोज के डोज के लिए योग की ओर रुख करते हैं. सबसे अच्छी बात ये है कि आपको योग करने के लिए किसी इक्विपमेंट की जरूरत नहीं है, बस थोड़ी सी जगह और एक योगा मैट की जरूरत हैयोग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है बल्कि आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा है. यहां योग की 11 ऐसी बातें बताई गई हैं जिन्हें अगली बार योग का अभ्यास करने से पहले आपको ध्यान में रखना चाहिए.

ज्यादा मेहनत न करें

योग और घरेलू नुस्खों से पाएं कुदरती निखार

योग और घरेलू नुस्खों से पाएं कुदरती निखार

                     हर महिला की ये चाहत होती है कि उनका चेहरा ग्लो करे। उम्र भले ही बढ़ती जाए, लेकिन चेहरे से उम्र का बिल्कुल पता न चले।  हर कोई सुंदर दिखना चाहता है। 66 साल की उम्र मे भी रेखा की फिटनेस और खूबसूरती में कोई कमी नहीं आई है। 53 साल की माधुरी के चेहरे की चमक यंग लड़कियों को भी मात देती है और 72 साल की हेमा का नूर आज भी बरकरार है। इन सबकी ब्युटी की अगर बात करें तो उसमें कॉस्मेटिक का ही नहीं, बल्कि योग का भी योगदान है।  यंग एक्ट्रेसेस भी, खुद को मेनटेन रखने के लिए योग का सहारा लेती हैं। दरअसल, कॉस्मेटिक, ब्युटी प्रोडक्ट्स और मेकअप की बात की जाए तो ये कुछ समय के लिए ही आपके चेहरे

ब्रेस्ट को सही आकर में बनाये रखने के लिए करे यह योग 

ग क्‍या आपके ब्रेस्‍ट आकार खोकर लटकने लगे हैं?

ब्रेस्ट को सही आकर में बनाये रखने के लिए करे यह योग क्‍या आपके ब्रेस्‍ट आकार खोकर लटकने लगे हैं? तो एक्‍सपर्ट के बताए इन 3 योगासन को रोजाना कुछ देर जरूर करें। क्या आपको ऐसा लग रहा है कि आपके ब्रेस्‍ट पहले की तरह मजबूत नहीं दिख रहे हैं?क्‍या आपको ऐसा महसूस हो रहा है कि आपके ब्रेस्‍ट आकार खो रहे हैं और लटकने लगे हैं?

कोरोना काल में लॉक डाउन के साइड-इफेक्ट्स से परेशान है तो योगाभ्यास

कोरोना काल में लॉक डाउन के साइड-इफेक्ट्स से परेशान है तो योगाभ्यास

कोरोना वायरस की विपरीत परिस्थितियों के कारण समय-समय पर लगे लॉकडाउन ने लोगों को घर पर रहने के लिए मजबूर कर दिया। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए विशेषज्ञ इसे बेहतर विकल्प तो मानते हैं, हालांकि यह कई प्रकार से लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। भले ही अब देशभर में लॉकडाउन खत्म कर दिया गया हो, लेकिन इसका असर लोगों की सेहत पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, लॉकडाउन ने लोगों को शारीरिक रूप से काफी निष्क्रिय बना दिया है, इसके अलावा आइसोलेशन में लंबे समय तक रहने का असर लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी देखा जा रहा है, अभी इन समस्याओ

हड्डियों को कैसे बनाएं मजबूत ऑस्टियोपोरोसिस से बचना चाहते हैं तो कीजिए योग

हड्डियों को कैसे बनाएं मजबूत ऑस्टियोपोरोसिस से बचना चाहते हैं तो कीजिए योग

         दुनियाभर में सदियों से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ के लिए योग किया जाता रहा है। कई अध्ययनों में भी स्पष्ट हो चुका है कि योग के माध्यम से शरीर की कई गंभीर बीमारियों को कम करने में मदद मिल सकती है। हृदय रोगों से लेकर डायबिटीज, फेफड़ों को स्वस्थ रखने से लेकर हड्डियों को मजबूती देने तक योग कई प्रकार से सेहत के लिए फायदेमंद माना जा सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो हर दिन योग का अभ्यास करके हड्डियों को मजबूत करने से लेकर,ऑस्टियोपोरोसिस जैसे गंभीर रोग के जोखिम को भी कम करने में मदद मिल सकती है।

फेफड़ों को हेल्दी रखने के साथ उनकी कार्यक्षमता बढ़ाता है योग

फेफड़ों को हेल्दी रखने के साथ उनकी कार्यक्षमता बढ़ाता है योग

        फेफड़ों को हेल्दी रखने के उपाय समय-समय पर करते समय जरूरी है. हेल्दी फेफड़ों के लिए योग कमाल कर सकता है. ऐसे कई सवाल हैं किफेफड़ों को मजबूत कैसे करें या फेफड़ों को स्वस्थ कैसे रखें? तो आपको बता दें ऐसे कई नेचुरल तरीके हैं जिनसे आप अपने फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार कर सकते हैं. हर साल बढ़ते वायु प्रदूषण के साथ, फेफड़ों के रोगियों की संख्या में भी वृद्धि देखी गई है. हालांकि, इस साल कोविड-19 ने स्थिति और खराब कर दी है और लोगों को अपने स्वास्थ्य का अतिरिक्त ध्यान रखने की जरूरत है. फेफड़ों को स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा तरीका है योग.

स्वस्थ्य रहने के लिए सदा ले सात्विक आहार

स्वस्थ्य रहने के लिए सदा ले सात्विक आहार

स्वास्थ्य का पहला चरण सही निर्धारित आहार लेना है। हम संयमित सात्विक शुद्ध और ताजा आहार लेंगे तो कभी बीमार नहीं पड़ेंगे। पचास फीसदी बीमारियां भोजन की गड़बड़ी के कारण ही होती है। आयुर्वेद के अनुसार भोजन में तीन बातों का ध्यान रखना चाहिए - हितकारी भोजन, सीमित भोजन और ऋतु के अनुसार भोजन हो। स्वस्थ्य रहने के लिए सदा सात्विक और संयमित भोजन लेने की आवश्यकता होती है।हमें नाश्ते में मौसम के भरपेट फल खाने चाहिए, दोपहर में सब्जी रोटी दाल चावल सलाद और छाछ लेना चाहिए और शाम को जूस सूप दलिया या खिचड़ी आदि हल्का-फुल्का भोजन करना चाहिए। भोजन करने से पहले मुस्कुराएं, प्रभु का स्मरण करें, बड

योग और प्राणायाम से बढ़ती उम्र को रोक सकते हैं

योग और प्राणायाम से बढ़ती उम्र को रोक सकते हैं

       दुनिया भर में रिसर्च किए जा रहे हैं कि किसी भी तरह से उम्र बढ़ने के प्रभाव को रोकने का कोई फार्मूला मिल जाए, लेकिन कोई शॉर्ट कट अभी तक नहीं मिल पाया है। हमने देखा है कि कई लोग वक्त के पहले ही अधेड़ या बूढ़े हो जाते हैं या यदि आप चाहते हैं अपनी बढती उम्र को रोकना तो वक्त के पहले ही आपको जागृत होना होगा तभी यह संभव हो पाएगा। यदि आप 40 की उम्र के पहले ही संभल गए तो यह संभव हो सकता है।  जैसे ही व्यक्ति 40 की उम्र पार करता है उसके शरीर और दिमाग में परिवर्तन होने लगते हैं। युवावस्था में तेज रफ्तार गाड़ी, भड़कीला संगीत, आक्रमक जीवन-शैली, जिम में अतिरिक्त मेहनत और संघर्ष करने

योग से मधुमेह को कैसे नियंत्रित रखें

पश्चिमोत्तासन

      दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं। - यह सुनिश्चित करें कि घुटने थोड़े मुड़े हुए हों, जबकि पैर आगे की ओर खिंचे हुए हों। - दोनों बांहों को ऊपर की ओर फैलाएं और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। - अब सांस को छोड़ते हुए, दोनों हाथों सहित शरीर के ऊपरी हिस्से को आगे की तरफ़ झुकाएं। - दोनों बांहों को पैरों के समानांतर रखें और पैर की उंगलियों को पकड़ें। - घुटनों को नाक से छूने की कोशिश करें। - इस मुद्रा के 3 राउंड और 3 सेट कर सकते हैं।

मंडूकासन

गर्भवती एवम स्तनपान कराने वाली स्त्रियों का आहार एवम पोषण

गर्भवती एवम स्तनपान कराने वाली स्त्रियों का आहार एवम पोषण

गर्भवती एवम स्तनपान कराने वाली स्त्रियों का आहार एवम पोषण
गर्भावस्था में शिशु अपने विकास एवम पोषण संबंधी आवश्यकताओ की पूर्ति के लिए पूर्णत: माता पर ही निर्भर करता है। इसलिए इस अवधि में संतुलित आहार का अधिक महत्व है। गर्भावस्था में अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता बच्चे तथा माता की निम्नलिखित क्रियाओं के लिए होती है:

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