अष्टांगिक आयुर्वेद
Submitted by admin on Sat, 06/25/2016 - 09:14प्राचीन कालमें आयुर्वेद मेंआठ शाखाओं का विकास हुआ, जिसके कारण इसे अष्टांग आयुर्वेद कहा जाता था I वर्तमान में अध्धयन की द्रष्टि से इनके अतिरिक्त अन्य शाखाओं का भी विकास हुआ है I आयुर्वेद की प्राचीन आठ शाखाएं निम्नलिखित है -
1-कायचिकित्सा (इंटरनल मेडिसिन)
2-कौमारभृत्य (पीडियाट्रिक्स)
3-ग्रह चिकित्सा (साइक्येट्री)
4-शालाक्य (आई.एंड.ई.एन.टी)
5-शल्य चिकित्सा (सर्जरी)
6-विष चिकित्सा (टाक्सिकोलोजी)
7-रसायन चिकित्सा (गेरिएट्रिक्स)
8-वाजीकरण ( वैटेलिटी)