बौद्ध-दर्शन में योग
Submitted by admin on Mon, 08/08/2016 - 09:35 बौद्ध-दर्शन और योग
उपनिषदों ने बैदिक कर्मकाण्ड में आयी जटिलता एवं विकृतियाँ की निन्
और आध्यात्मिक अनुभव को ही परम् पुरूषार्थ घोषित कर साधारण जन-मा
नयी धार्मिक क्रान्ति पैदा की उसी क्रान्ति को कालान्तर में महावीर और गा
ने विस्तृत रूप देकर नयी धार्मिक चेतना का विकास किया। डा0 राधा कृष्ण
सार-‘‘बुद्ध ने उपनिषदों के दार्शनिक सिद्धान्तों को जो इस समय कुछ थोड
हुए लोगों तक ही सीमित थे, जनसाधारण में प्र ्रचारित करने में सहायता दी
धर्म का उद्देश्य यह था कि उपनिषदों के आदर्शवाद को उसके उत्कृष्ट रूप