महर्षि पतंजलि का प्रकट उत्सव है नाग पंचमी
Submitted by yogbharati on Fri, 08/13/2021 - 07:03भारतीय दर्शन में नाग पंचमी का अपना महत्वपूर्ण स्थान है। इसी दिन आचार्य पाणिन के शिष्य और योग के प्रणेता महर्षि पतंजलि का जन्म हुआ था । कहते हैं कि आज ही के दिन नागपंचमी को महर्षि पतंजलि ने काशी के एक विशेष स्थान पर योग सूत्रों की रचना की , जिनमें योग के आठ अंग यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि सन्निहित हैं। वैसे तो समग्र मानवता से दुख कलेश संताप अर्थात त्रिदोष के समूल निवारण के लिए भगवान धन्वंतरि ने जगत के कल्याण के लिए आयुर्वेद की रचना की, लेकिन इसके बाद सांसारिक दुखों को दूर करने और समत्व को स्थापित करने के भाव से आचार्य पाणिन की प्रेरणा से महर्षि