योग दर्शन

चक्र और उनका शरीर पर प्रभाव

चक्र

१. मूलाधार चक्र :

यह शरीर का पहला चक्र है। गुदा और लिंग के बीच चार पंखुरियों वाला यह आधार चक्र है। ९९.९% लोगों की चेतना इसी चक्र पर अटकी रहती है और वे इसी चक्र में रहकर मर जाते हैं। जिनके जीवन में भोग, संभोग और निद्रा की प्रधानता है, उनकी ऊर्जा इसी चक्र के आसपास एकत्रित रहती है।

मंत्र : लं

कैसे जाग्रत करें : मनुष्य तब तक पशुवत है, जब तक कि वह इस चक्र में जी रहा है.! इसीलिए भोग, निद्रा और संभोग पर संयम रखते हुए इस चक्र पर लगातार ध्यान लगाने से यह चक्र जाग्रत होने लगता है। इसको जाग्रत करने का दूसरा नियम है यम और नियम का पालन करते हुए साक्षी भाव में रहना।

सरकारी स्कूलों में समग्र शिक्षा अभियान के तहत योग शिक्षा शुरू की जाएगी

 स्कूल, ब्लॉक, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर योग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।

 हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने केंद्र सरकार के निर्णय से समग्र शिक्षा अभियान के सभी जिला प्रोजेक्ट समन्वयकों को इससे अवगत करा दिया है। केंद्र सरकार योग शिक्षा के जरिए छात्रों को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए यह कदम उठाने जा रही है। योग शिक्षा शुरू करने से पहले केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने छात्रों को योगाभ्यास कराने और राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं के आयोजन का निर्णय लिया है।सरकारी स्कूलों में समग्र शिक्षा अभियान के तहत योग शिक्षा शुरू की जाएगी। अपर प्राइमरी स्तर पर छठी से आठवीं और नौवीं-दसवीं कक्षा में योग पढ़ाया जाएगा। एनसीईआरटी ने अपर प्राइमरी और सेकेंडरी के लिए सिलेबस तैयार कर

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