योग-भारती का उद्देश्य प्राचीन भारतीय योग व नेचुरोपैथी को आधुनिक वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में अध्ययन-शिक्षण, एवम् गहन शोध हेतु विश्वस्तरीय शिक्षण स्थापित करना है तथा योग को विज्ञान, चिकित्सा- विज्ञान, कला, एवम् खेलों के रूप में विकसित करना है साथ ही संस्था का उद्देश्य योग-साधना, ध्यान, संयम, सदाचार, शाकाहार, संस्कृति एवम् संस्कारों को वढाबा देना है जिससे रोग मुक्त, स्वस्थ एवम् समृद्ध समाज का निर्माण हो सके|
होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति
Submitted by yogbharati on Thu, 02/02/2017 - 16:05हमारा शरीर प्रकृति की एक अद्भुत देन है। समय- समय पर यह शरीर कई तरह की व्याधियों का सामना करता रहता है। व्यक्ति इन व्याधियों के निदान के लिए कई उपाय करता है, नुस्खे आजमाता है। शरीर को रोग रहित करने के लिए अनेक चिकित्सा पद्धतियां प्रचलित हैं। जैसे- एलोपैथी, आयुर्वेद,यूनानी और होम्योपैथी इत्यादि। बेशक एलोपैथी और आयुर्वेदिक पद्धति का आजकल बोलबाला है, पर होम्योपैथी पद्धति भी भारत में अब अपने पैर पसार रही है। होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति एक जानी मानी चिकित्सा पद्धति है। यह औषधियों के विषय में ज्ञान और उनके अनुप्रयोग पर आधारित चिकित्सा है। होम्योपैथी ‘समः समं शमयते ’ के सिद्धांत