योग-भारती का उद्देश्य प्राचीन भारतीय योग व नेचुरोपैथी को आधुनिक वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में अध्ययन-शिक्षण, एवम् गहन शोध हेतु विश्वस्तरीय शिक्षण स्थापित करना है तथा योग को विज्ञान, चिकित्सा- विज्ञान, कला, एवम् खेलों के रूप में विकसित करना है साथ ही संस्था का उद्देश्य योग-साधना, ध्यान, संयम, सदाचार, शाकाहार, संस्कृति एवम् संस्कारों को वढाबा देना है जिससे रोग मुक्त, स्वस्थ एवम् समृद्ध समाज का निर्माण हो सके|
मूलाधार चक्र क्या है
Submitted by yogbharati on Thu, 10/11/2018 - 13:42मूलाधार दो शब्दों से मिलकर बना है मूल + आधार | जहाँ पर मूल का अर्थ होता है जड़ और आधार का अर्थ होता है नीवं | मनुष्य शरीर का निर्माण उसकी माँ के गर्भ से होता है तो उसकी जड़ें वहीँ से होती है और उसका आधार भी वही है | आपको पता ही होगा कि शिशु के मनुष्य रूप में आकार लेने से पहले वो मात्र एक मांस का गोला होता है| धीरे धीरे वो मनुष्य शरीर धारण करता है | ये मनुष्य के रीढ़ की हड्डी के बिलकुल नीचे स्थित होता है | जिसके कारण इसे जड़ चक्र के नाम से भी जाना जाता है | यह मानव चक्रों में सबसे पहला चक्र है और इसका भौतिक शरीर के साथ एक अभिन्न संबंध है।