कुंभ स्नान एवं कल्पवास प्राकृतिक चिकित्सा का ही एक रूप है
कुंभ स्नान एवं कल्पवास प्राकृतिक चिकित्सा का ही एक रूप है
प्राकृतिक चिकित्सा से कम नहीं है कुंभ स्नान एवं कल्पवास
कुंभ स्नान तथा कल्पवास एक तरह का प्राकृतिक चिकित्सा का ही रूप है जो लोग कुंभ स्नान करते हैं एवं 45 दिन का कल बात करते हैं उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है तथा उन्हें जल्द बीमारियां अपना शिकार नहीं कर पाती कुंभ स्नान करने से कई प्रकार के चर्म रोग एवं अन्य रोग भी ठीक हो जाते हैं कुंभ स्नान एवं कल बात करने से कई प्रकार के शारीरिक विकार दूर होते हैं एवं मानसिक विकार भी दूर होते हैं कुंभ स्नान एक अमृत पान की तरह स्नान के दौरान जल में मौजूद नए पुराने ज्ञात अज्ञात सूक्ष्म जीवाणु शरीर में प्रवेश करते हैं इसीलिए व्यक्ति इन सूक्ष्म जीवाणुओं के रोग प्रतिरोधक क्षमता अपने शरीर में विकसित कर लेता है इसे प्रमाणित करने के लिए मेले में आने वाले कल वासियों का बीपी शुगर लेवल स्ट्रेस लेवल एवं उनका भजन तथा खुश रहने का अंदाज बीएमआई आदि दर्ज किया जाएगा तदुपरांत कल्पवास के अंत में उनकी यह सभी चीजें दोबारा जांच की जाएगी कुंभ स्नान की यह मान्यता है प्रयागराज कुंभ की मान्यता है कि यहां तीनों नदियों का पानी एक होकर सारे गुणों का समग्र बनाता है इससे लोगों में एकता का संदेश भी जाता है