योग में सेहत भी और कैरियर भी
योगआने वाले दिनों में केवल फिटनेस या वोकेशनल कोर्स तक सीमित नहीं रह जाएगा। योग में बाकायदा अब करियर बनाने और बेहतर जॉब के ऑप्शन भी खुलेंगे। योग को यूनिवर्सिटी स्तर पर लाने की तैयारी चल रही है, इसके लिए भारत सरकार ने हरी झंडी भी दे दी है। योग को एक सब्जेक्ट के रूप में विकसित किया जाएगा और इसके लिए हायर एजुकेशन की व्यवस्था होनी है। तो अब आपके लिए योग केवल सेहत का जरिया नहीं बल्कि पढ़ाई और कमाई का जरिया भी हो जायेगा।
यूजीसी इस कोर्स को मुख्यधारा में लाने के लिए अप्रूवल भी देगी और इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है जो एचआरडी के दिशा निर्देशन में काम करेगी। इस नए डिजाइन करिकुलम में न केवल स्टूडेंट्स के लिए कोर्स डिजाइन होंगे बल्कि टीचर्स के लिए स्पेशल कोर्स भी शामिल होंगे।
यूजीसी ने योग में अब बीएससी, एमएससी, पीएचडी और पीजी डिप्लोमा इन योगा और पीजी डिप्लोमा इन योगा थेरेपी का अप्रूवल दे दिया है। पहले फेज में करीब छह सेंट्रल यूनिवर्सिटीज़ में ये कोर्स शुरू होंगे।
हर सरकारी विश्वविद्यालय में योग विभाग होना अब जरूरी होगा। पहले चरण में उत्तराखंड के हेमवंती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी, वेस्ट बंगाल के विश्व भारती शांतिनिकेतन, राजस्थान के सेंट्रल यूनिवर्सिटी, केरल की सेंट्रल यूनिवर्सिटी,मध्य प्रदेश इंद्रिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी और मनिपुर के यूनिवर्सिटी में योग डिपार्टेमेंट की शुरुआत होगी।
स्पेशल सर्टिफिकेट कोर्स के लिए उन टीचर्स को आयुष मंत्रालय में अप्लाई करना होगा, जिनके पास योग का कोई फॉर्मल सर्टिफिकेट नहीं है। टीचर्स को इसके लिए योग की सैद्धांतिक एवं प्रयोगात्मक दोनों ही परीक्षा पास करने होंगे।