योग दिवस को जन आन्दोलन बनाये,प्रशासन करेगा सहयोग - योगी जी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस को जन आंदोलन बनाने का आहवान करते हुए कहा कि तमाम फायदों की वजह से दुनिया योग की इस प्राचीन भारतीय विधा के पीछे भाग रही है। योगी ने गोरक्षपीठ में आयोजित योग प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन करते हुए कहा कि जब आगामी 21 जून को देश के अलग-अलग क्षेत्रों में करोड़ों लोग योग के साथ खुद को जोड़ेंगे उस वक्त दुनिया के करीब 200 देश भी भारत की इस योग परंपरा से जुड़ते दिखाई देंगे। इस वर्ष यह उत्तर प्रदेश के लिए विशेष सौभाग्य का अवसर है कि खुद प्रधानमंत्री मोदी योग दिवस के अवसर पर लखनऊ में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सहभागी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि योग दिवस के अवसर पर हम इसे एक जन आंदोलन का रूप दें। दुनिया के करीब 200 देश जब भारत की इस सनातनी परम्परा के साथ एक बार में स्वयं को सम्बद्ध करते हुए दिखायी देंगे, तब भारत के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 125 करोड़ की आबादी भी योग के साथ झूमती दिखायी दे, हमें ऐसा जन आंदोलन देश में खड़ा करने की तैयारी करनी चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि योग दिवस के अवसर पर देश तथा प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में ऐसे शिविर आयोजित होंगे। जिला प्रशासन सहयोग करेगा। प्रदेश सरकार इसमें भरपूर सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि योग भारत की प्राचीन विधा है और यह यहां की ऋषि परंपरा का प्रसाद है। योग के महत्व को वेदों से लेकर तमाम प्राचीन ग्रंथों में भी स्वीकार किया गया है। योग की इस विधा को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्रदान करने का महत्वपूर्ण कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। भारत की सनातन संस्कृति के प्रति अनुराग रखने वाले हर व्यक्ति को प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा की योग दुनिया को भारत की देन है और आज दुनिया योग की इस प्राचीन भारतीय विधा के पीछे भाग रही है क्योंकि उसे मालूम है कि इसके भौतिक और आध्यात्मिक लाभ हैं। हम सबको भारत की इस प्राचीन परंपरा के साथ स्वयं को जोड़ने का प्रयास करना चाहिए। यह अवसर है जब हम दुनिया के सामने इस ऋषि प्रसाद को ले जाकर कह सकते हैं कि भारत ने जिस आध्यात्मिक नेतृत्व की बात कही थी वह कोई कोरा आश्वासन नहीं था। उन्होंने कहा कि योग भारत के आध्यात्म की गहराइयों में डुबकी लगाने का अवसर है इससे चराचर ब्रहमांड के कल्याण का मार्ग मिलेगा। योग के माध्यम से उन स्थितियों को प्राप्त किया जा सकता है जो सामान्यत: असंभव दिखाई देती हैं। अध्यात्म की ऊंचाइयां प्राप्त करने के लिए योग के आधार को मजबूत करना होगा।श्री योगी ने लोगों का आहवान किया कि आगामी 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जो जहां कहीं भी हो वह उसी क्षेत्र में आयोजित योग शिविर में प्रतिभाग अवश्य करे और इस योग दिवस को जन आन्दोलन के रूप में लें।
मुख्यमंत्री ने अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अन्तर्गत श्रीगोरखनाथ मन्दिर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् एवं महायोगी गोरखनाथ योग संस्थान द्वारा आयोजित साप्ताहिक योग प्रशिक्षण शिविर एवं योग-आध्यात्म-शैक्षिक कार्यशाला का उद्घाटन करने के बाद लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आगामी 21 जून को अन्र्तराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पूरे देश में योगा का आयोजन किया जायेगा। यह बहुत बड़ा आयोजन है, इसमें हर प्रदेश वासी को भाग लेना चाहिए। जो जहां है वहीं पर योग करना चाहिए जिसमें प्रशासन का भी पूरा सहयोग रहेगा।
योग ऋषि परंपरा का प्रसाद
योग शिविर के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता में उन्होंने कहा कि योग भारत की ऋषि परंपरा का प्रसाद है, जिसे अब पूरा विश्व ग्रहण कर रहा है। इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को है, जिनके प्रयास से योग को संयुक्त राष्ट्र संघ ने अंतरराष्ट्रीय मान्यता दी। अंतराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) को ऋषियों के इस प्रसाद को ग्रहण करते हुए दुनिया के 200 से अधिक देश दिखाई देंगे। उन्होंने बताया कि यूं ही नहीं दुनिया योग के पीछे भाग रही है। दरअसल उन्हें यह पता चल गया है कि योग से ही भौतिक और अध्यात्मिक उन्नयन संभव है। ऐसे में भारत दुनिया को आध्यात्मिक नेतृत्व प्रदान कर रहा है और योग इसका आधार है।
गोरक्षनाथ पीठ का क्रियात्मक योग
योगी ने कहा कि गोरक्षनाथ पीठ से उपजे क्रियात्मक योग को अगर दुनिया कर रही है तो ऐसे में गोरखपुर के लोगों की जिम्मेदारी इसे लेकर और बढ़ जाती है। उन्होंने आह्वान किया कि 21 जून को शहर के सभी पार्कों में योग शिविर का आयोजन हो। उन्होंने सांसदों और विधायकों से इसका नेतृत्व करने की भी अपील की। योग की महत्ता पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि जहां विज्ञान नहीं पहुंच सकता, वहां तक योग की पहुंच है। क्योंकि योग की पहुंच मन के चेतन अवस्था से लेकर अवचेतन अवस्था तक होती है, जिससे तमाम रहस्यों का उद्घाटन होता है और लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। एक घंटे का आसन जो कार्य करता, वह योग से महज पांच मिनट में किया जा सकता है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने योग शिविर के साथ शिक्षक कार्यशाला को जोडऩे की वजह बताई। उन्होंने कहा कि इससे शिक्षा जगत की समस्याएं सामने आती हैं और उसका समाधान भी निकलता है। इस दौरान योगी ने योग की महत्ता बताते हुए इससे जुड़ा एक रोचक प्रसंग भी सुनाया।
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