प्राथमिक शिक्षा में योग को लागू किया जायेगा

 प्राथमिक शिक्षा में योग को लागू किया जायेगा

उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में चल रहे योग के माध्यम से मानवीय मूल्यों का विकास विषय पर आधारित चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय योग सम्मेलन के आखिरी दिन रविवार को 85 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।

मुख्य अतिथि शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा योग हमारी संस्कृति व संस्कारों में बसा है। पूरी दुनिया योग को मान्यता दे चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है। कहा योग से शरीर ही नहीं मन मस्तिष्क को भी ऊर्जा मिलती है। प्रदेश सरकार योग को प्राथमिक स्तर की शिक्षा में भी लागू करने पर विचार कर रही है। आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. कामाख्या कुमार ने आयोजन पर प्रकाश डाला। देश विदेश से आए 600 से अधिक प्रतिभागियों ने आयोजन में दूसरे दिन अपनी रायशुमारी की। प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता रुड़की से आए डायरेक्टर प्रोफेसर रोहित कुशवाहा ने कहा कि योग मानव मूल्यों को स्थापित करने में अहम भूमिका निभा रहा है। इसे जीवन में आत्मसात करने की जरुरत है। द्वितीय सत्र की अध्यक्षता स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के योग समन्वयक डॉ. जी प्रभु ने की। कार्यक्रम में बीएम त्रिपाठी, ऋषिकेश से डॉ. निशा जोशी, प्रोफेसर जीडी शर्मा, प्रोफेसर के कृष्ण शर्मा, टी पदमनाभन, प्रोफेसर एचएम पांडेय, डॉ. मीरा शर्मा, डॉ. लुबाना मार्टिन, ने व्याख्यान दिया।