भारत-चीन के रिश्ते और गहरे हो सकते दुनिया की दो प्राचीन सभ्यताओं भारत और चीन में प्रचलित योग एवं ताई ची से

 भारत-चीन के रिश्ते और गहरे हो सकते दुनिया की दो प्राचीन सभ्यताओं भारत और चीन में प्रचलित योग एवं ताई ची से

 भारत के सहयोग से चीन में स्थापित पहले योग महाविद्यालय के एक छात्र और विशेषज्ञों को लगता है कि दुनिया की दो प्राचीन सभ्यताओं भारत और चीन में प्रचलित योग एवं ताई ची से दोनों देशों के रिश्ते और गहरे हो सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद 2015 में कुनमिंग में यून्नान मिंजु विश्वविद्यालय में चीन-भारत योग महाविद्यालय की शुरुआत की गयी थी। सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ की एक खबर के मुताबिक योग सीखने से पहले यू सोंगसोंग को भारत के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं थी, जहां से योग की उत्पत्ति हुई है । पिछले छह साल से योग सीखने के दौरान यू इस पद्धति से बहुत प्रभावित हैं और भारत की यात्रा करने के इच्छुक हैं। चीन-भारत महाविद्यालय में स्नातकोत्तर की शिक्षा हासिल कर रहे 25 वर्षीय यू ने कहा, ''योग ने मेरी जिन्दगी बदल दी। मुझे अपने जीवन की नयी दिशा मिल गयी।'' यू यतेंद्र दत्त अमोली नामक भारतीय शिक्षक से योग की शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इन दोनों का मानना है कि योग और ताई ची दो अलग-अगल शारीरिक अभ्यास हैं और इनके जरिए दोनों देशों के रिश्ते और बेहतर हो सकते हैं।