यूपी बोर्ड में शामिल होंगे योग के सकारात्मक तथ्य

   यूपी बोर्ड में शामिल होंगे योग के सकारात्मक तथ्य 

                                    माध्यमिक शिक्षा परिषद में कक्षा 9 से 12 में योग और नैतिक शिक्षा के सकारात्मक पहलू को शामिल किया गया है। सभी कक्षाओं के लिए अलग अलग अलग पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। शैक्षिक सत्र 2017-18 में इसे पूर्णत: लागू कर दिया गया है। कक्षा 9 के पाठ्यक्रम में योग एवं योग शिक्षा के अंतर्गत योग अर्थ, परिभाषा एवं योग की भ्रांतियां : पारंपरिक एवं आधुनिक, आसन, योग का शारीरिक, मानसिक एवं चिकित्सकीय प्रभाव, अष्टांग योग, शारीरिक-मानसिक परिवर्तन के लिए योग शामिल रहेगा। कक्षा 10 में योग एवं योग शिक्षा, योग के प्रकार, मंत्र एवं हठ योग, ज्ञानयोग, कर्मयोग, लययोग, मंत्रयोग, राजयोग आदि प्रमुख है। इसके अतिरिक्त प्रणायाम वैज्ञानिक व्याख्या और किशोरावस्था में योग का प्रभाव पढ़ाया जाएगा। कक्षा 11 में योग का शरीर क्रियात्मक आधार, वर्तमान में योग शिक्षा का महत्व, अष्टांग-योग धारणा एवं ध्यान, अष्टचक्र, ध्यान आदि प्रमुख है। कक्षा 12 में प्राचीन युग में योग एवं इसकी परपंरा, योग का विकास, समाधि का अर्थ, वैदिक मान्यता, पारंपरिक मान्यता, मानसिक परिवर्तन, समस्याएं एवं उलझनें औ योग निर्देशन, आत्मसंयम, योग एवं आयुर्वेद आदि को शामिल किया गया है। राजकीय बालिका इंटर कालेज की प्रधानाचार्या बीना गौतम का कहना है कि यूपी बोर्ड में 'शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद' विषय के अंतर्गत योग और नैतिक शिक्षा आदि को समाहित किया गया है। सप्ताह में दो से तीन दिन तक योग का नियमित अभ्यास स्कूलों में कराया जा रहा है। इन कक्षाओं में लिखित एवं प्रयोगात्मक परीक्षाओं में अंकों को क्रमश: 50-50 प्रतिशत अंकों में बांटा गया है।